7th Pay Commission 2024: कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कैसे हुआ सुधार, जानिए इसकी शर्ते !

7th Pay Commission 2024: कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कैसे हुआ सुधार, जानिए इसकी शर्ते !  भारत सरकार ने वेतन आयोग की स्थापना सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति में लाने के लिए की थी। स्वतंत्रता के बाद से अब तक साथ वेतन आयोग गठित किया जा चुके हैं। इन आयोगों की सिफारिश और नियम के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्ते और अन्य सुविधाओं पर चर्चा की जाती है। हम आपको बता दे की सबसे पहले वेतन आयोग जनवरी 1946 में श्रीनिवास दास वर्धचारी के अध्यक्षता में बना था। 

जिसने अपनी पहली रिपोर्ट 1997 में अंतरिम सरकार को सौंपी थी। उसके पास से ही हमारे देश में वेतन आयोग एक महत्वपूर्ण स्थान रखने लगा। हम आपको बता दे की वर्तमान से पहले आखिरी सातवां वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ था। जिसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गई थी। अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द आठवां वेतन आयोग भी लागू कर दिया जाएगा जिससे हमें सरकारी कर्मचारी के वेतन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

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क्या है 7th Pay Commission ? 

सातवां वेतन आयोग 2014 में घोषित किया था उसे समय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसकी मंजूरी दी थी और इसके बाद 1 जनवरी 2016 से इसे लागू किया गया था। इसकी सिफारिश के तहत सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बंपर बढ़ोतरी हो गई थी। इस वेतन आयोग के लागू होने के बाद वेतन संरचना को सरल तरीके से तैयार किया गया था। जिसे हम सातवां वेतन आयोग मैट्रिक्स कहते हैं। इसे सरल इसलिए बनाया गया था ताकि सरकारी कर्मचारी वेतन में होने वाले बदलाव को आसानी से समझ सके।

कितना तय हुआ था न्यूनतम और अधिकतम वेतन ? 

7th Pay Commission के द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए के हिसाब से निर्धारित किया गया। जिससे किसी भी सरकारी कर्मचारियों को इससे कम वेतन न मिले इसके अलावा उच्चतम श्रेणी के कर्मचारियों को अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपए तक निर्धारित किया गया। यह वेतन कैबिनेट सचिव और उनके समक्ष कर्मचारियों के लिए निर्धारित किया गया था। 

जानिए 7th Pay Commission के लाभ ! 

7th Pay Commission का लाभ न केवल सरकारी कर्मचारियों को मिला बल्कि पेंशन धारकों के लिए भी यह काफी लाभदायक सिद्ध हुआ। क्योंकि इसके तहत कर्मचारियों की आय में 2.97% के हिसाब से वृद्धि देखी गई। सरकार द्वारा उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कारण था। इस वेतन आयोग ने वेतन मैट्रिक्स और अग्रिम वेतन श्रेणी की व्यवस्था की जिससे सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारी आर्थिक रूप से सशक्त हो सके। 

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