Kartik Purnima Kab hai 2024: जानिए इस साल कब है कार्तिक पूर्णिमा, व्रत, और पूजा विधि ! 

Kartik Purnima Kab hai: हम सभी जानते हैं कि भारत देश में प्रतिवर्ष कई पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं। क्योंकि हमारे देश में जीवन से अधिक महत्वपूर्ण धर्म और व्रत का पालन करना माना गया है। इन्हीं व्रत और त्योहारों में से एक होता है कार्तिक पूर्णिमा का व्रत। यह व्रत भगवान से अपने ऊपर कृपा बनाए रखने के लिए लोगों द्वारा किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत जैसा कि नाम से मालूम पड़ता है… कार्तिक महीने में एक बार आता है। आज किस लेख में हम जानेंगे कि 2024 में कार्तिक पूर्णिमा कब है ? इस लेख में अंत तक बन रहे… 

2024 में कार्तिक पूर्णिमा कब है ? | Kartik Purnima Kab hai

हर साल की तरह कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाएगी। इस साल यह 15 नवंबर की तारीख को मनाई जाएगी। इसका समय 15 नवंबर के सुबह 6:19 से लेकर 16 नवंबर के सुबह 2:58 तक होगा। इसी दौरान सभी लोग कार्तिक पूर्णिमा की पूजा करेंगे, व्रत रखेंगे और व्रत का पारण करेंगे। 

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व क्या है ? ( Kartik Purnima Importance) 

पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरा नाम के रक्षा का विनाश किया था। यही कारण है कि कई स्थानों पर इस दिन को त्रिपुरा पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार का जन्म हुआ था। इसीलिए यह महीना काफी शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से हर पाप नष्ट हो जाता है। और जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है भगवान की पूजा करता है उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 

कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन क्या किया जाता है ? (Kartik Purnima wale din kya kiya jata hai) 

  • इस दिन सभी व्यक्तियों को प्रातः काल उठकर स्नान आदि के बाद भगवान की पूजा करनी चाहिए।।
  • इस दिन सभी को शुद्ध सात्विक भोजन करना चाहिए। 
  • हो सके तो अपने घर के पास वाले मंदिर या फिर धार्मिक स्थान में जाकर दर्शन और दान की प्रक्रिया अवश्य करनी चाहिए। 
  • घर को साफ सुथरा करके शिवजी की पूजा करनी चाहिए।।
  • घर में पौराणिक कथाओं, ग्रंथ या मंत्र का जाप करना चाहिए। 
  • इस दिन सभी को नॉनवेज खाने से बचना चाहिए।
  • घर में किसी प्रकार का अंधेरा नहीं होना चाहिए। 
  • भगवान का स्मरण करके अपने और अपने परिवार के सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करनी चाहिए।

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