Karwa chauth kab hai 2024: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, और व्रत का महत्व ! 

Karwa chauth kab hai: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत देश में हिंदू धर्म में साल भर कई तरह के त्यौहार मनाया जाते हैं। कुछ त्यौहार तो ऐसे होते हैं जिनका बहुत ही विशेष महत्व होता है। और जिनका श्रद्धालु पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। उन्हें में से एक त्यौहार है करवा चौथ जो की विशेष रूप से सुहागन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है।

करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए काफी कठिन माना जाता है। क्योंकि यह व्रत निर्जला होता है। यानी इसमें पूरे दिन कोई भी महिला पानी का एक बूंद भी नहीं लेती है। यह त्यौहार या व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। हर साल यह त्यौहार अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 2024 में करवा चौथ का व्रत कब मनाया जाएगा…तो यह जानने के लिए इस लेख में अंत तक बन रहे…

करवा चौथ कब है ? (Karwa chauth kab hai) 

Karwa chauth kab hai: करवा चौथ का त्योहार त्याग और भक्ति का उदाहरण है। जो स्त्री अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण को सिद्ध करती है। करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके विशेष रूप से चंद्रमा और भगवान शिव पार्वती की पूजा करती है। जैसे ही रात में चंद्रमा निकलता है महिलाएं चांद का दर्शन करके अपने व्रत को खोलती है।

2024 में करवा चौथ का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। जी हां, इस साल 17 अक्टूबर को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से उन सुहागन महिलाओं के लिए मंगलकारी होता है जो अपने पति की लंबी आयु और अपने सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। 

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त (Karwa chauth ka shubh muhurat) 

अगर हम करवा चौथ के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अगर समय की बात करें तो करवा चौथ के व्रत का समय सुबह के 6:25 से लेकर शाम के 7:54 तक है। इस व्रत की अवधि 13 घंटे 29 मिनट की है। और करवा चौथ के पूजा का मुहूर्त शाम के 5:46 से लेकर शाम के 7:02 तक है। पूजा की अवधि लगभग 1 घंटा 16 मिनट की होगी और चंद्र उदय का समय शाम के 6:54 तक बताया जा रहा है।

करवा चौथ पूजा की विधि (Karwa chauth Pooja ki vidhi) 

करवा चौथ पूजा की विधि निम्नलिखित है: 

  • सबसे पहले करवा चौथ के दिन आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ पानी से स्नान करना होगा। 
  • उसके बाद अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करने के बाद भगवान की पूजा करनी होगी। 
  • पूजा करने के बाद आपको भगवान के सामने व्रत का संकल्प लेना होगा। 
  • संकल्प लेने के दौरान आपके मन में जो भी मनोकामना है उसे बोलना होगा जिससे वह व्रत शुरू हो जाएगा। 
  • शाम के समय में शुभ मुहूर्त में करवा चौथ व्रत की कथा का पाठ करना होगा। 
  • चांद के निकलने के बाद उसकी पूजा करनी होगी। 
  • इसके बाद अपने पति की सूरत छलनी के माध्यम से देखने के बाद पति की आरती उतारनी होगी। 
  • इसके बाद आपके पति अपने हाथों से आपको पानी पिलाएंगे और इसके बाद आपका व्रत पूरा हो जाएगा। 

करवा चौथ व्रत का महत्व (Karwa chauth vrat ki importance) 

अगर हम इस व्रत के महत्व की बात करें तो इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति के लिए अखंड सौभाग्य का करवा चौथ व्रत रखती है। इस दिन वह निर्जला उपवास रखती है। करवा चौथ के दिन महिलाएं करवा माता की पूजा करती हैं और उनका पाठ करती है। सुहागन महिलाओं के अलावा ऐसी लड़कियां जिनका विवाह तय हो गया है वह भी प्राय अपने होने वाले पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। इस दिन सभी महिलाएं 16 सिंगार करती है और माता पार्वती और शंकर भगवान की पूजा करके अखंड सौभाग्य की कामना करती है। इस व्रत की ऐसी मान्यता है कि जिस महिला द्वारा यह व्रत रखा जाएगा। उसके पति की आयु लंबी होगी और उसकी जीवन में तरक्की प्राप्त होगी।

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