Old Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, सरकार ने लिया चौकाने वाला निर्णय ! 

Old Pension Scheme: केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की मांग बहुत समय से की जा रही है। कुछ राज्य सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों की इस मांगों को स्वीकार करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है। जी हां, यह एक अच्छी खबर साबित हो सकती है। अब केंद्र सरकार की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर नई अपडेट सामने आई है। हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स ने या दावा किया है कि नई पेंशन स्कीम से ओल्ड पेंशन स्कीम में स्विच करने की समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

Old Pension Scheme

टाइम लिमिट बढ़ाने की बात हुई खारिज ! 

ये बदलाव सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। क्योंकि पुरानी पेंशन योजना को लेकर लंबे समय से बहस जारी है। इसकी समय सीमा बढ़ाई जा सकती है। इससे कर्मचारियों को अपनी पेंशन योजना के विकल्पों के बारे में विचार करने का काफी समय मिलेगा। 

लेकिन सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पष्ट कर दिया है कि ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए समय सीमा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव जारी नहीं किया जाएगा। एनपीएस की शुरुआत केंद्र सरकार ने 2003 में की थी, सरकारी नौकरी में नई भर्तियों के लिए एनपीएस अनिवार्य है, केवल सशस्त्र बलों की नौकरी को छोड़कर। 

सरकार के जवाब से स्पष्ट है ये बात ! 

केंद्र सरकार के जवाब से यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना को लेकर समय सीमा में कोई संशोधन नहीं होने वाला है। इस स्थिति में कर्मचारियों को अपनी पेंशन योजनाओं के दूसरे विकल्पों के बारे में सोचना होगा। जबकि नई भर्तियों के लिए एनपीएस का नियम पहले की तरह ही लागू रहेगा। इस आदेश के अनुसार कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सेवा नियम 1972 के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प मिला है। यह उन सरकारी कर्मचारियों के लिए था, जिन्होंने एनपीएस के लागू होने से पहले भरे ली थी और जिन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम वापस चाहिए थी। 

Old Pension Scheme

NPS से भी वंचित है लोग ! 

अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल ने बताया कि बहुत से एनपीएस कर्मचारी अभी भी इस लाभ से वंचित है। इसलिए समय सीमा बढ़ाने की आवश्यकता देखी जा रही है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि बाकी सभी पात्र कर्मचारियों को इसके लाभ का अवसर देने के लिए तारीख को बढ़ाया जाए। इसकी समय सीमा बढ़ाने से कर्मचारियों को अपना दूसरा विकल्प चुनने का समय मिलेगा। पटेल के अनुसार सरकार को इस मुद्दे पर लचीलेपन के साथ निर्णय लेना होगा। जिससे कर्मचारियों को आघात न पहुंचे और वह इसका लाभ भी उठा सके। 

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