7th Pay Commission: क्या केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को देगी 18 महीने का DA बकाया? सितंबर में होगी खुशियों की बौछार, बढ़ेगा महंगाई भत्ता

7th Pay Commission: त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में सरकार अपने सभी सरकारी कर्मचारियों पर खुशियों की बौछार करने वाली है। ख़बर सामने आ रही है कि देश की केंद्र सरकार सितंबर के महीने में DA यानी महंगाई भत्ते और DR यानी महंगाई राहत में तीन से चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करने वाली है। इससे कर्मचारियों के वेतन में एक बड़ा इजाफ़ा देखने की उम्मीद है। 

दरअसल, बीते कुछ दिनों में सरकार नें आठवें वेतन आयोग और 18 महीने के डीए बकाया पर एक बार झटका दिया था लेकिन अब सभी कर्मचारी इस इंतज़ार में हैं कि महंगाई भत्ते (7th Pay Commission) में बढ़ोतरी कब होगी। 

7th Pay Commission

7th Pay Commission: सितंबर के पहले हफ़्ते में होगा ऐलान

7th Pay Commission: इस बात की पूरी संभावना है कि केंद्र सरकार सितंबर महीने के पहले ही हफ़्ते में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फ़ैसला कर सकती है। सरकार के इस फ़ैसले से कर्मचारियों को भारी राहत मिलेगी। इसी साल के मार्च महीने में डीए बढ़ाया गया था और उसी समय से लोगों को इसमें बढ़ोतरी का इंतज़ार है। हालाँकि, केंद्र सरकार नें अभी तक डीए में बढ़ोतरी का कोई ऐलान नहीं किया है। 

बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए सभी कर्मचारियों को सरकार महंगाई भत्ता देती है। यह भत्ता सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के वेतन का एक बहुत ही अहम हिस्सा होता है। बढ़ती महंगाई के साथ जीवन को चलाए रखने के लिए और वेतन में वृद्धि करने के लिए इस भत्ते का अहम योगदान होता है। साल में दो बार सरकार के द्वारा डीए की समीक्षा की जाती है। महंगाई के प्रभाव से कर्मचारियों को बचाने के लिए यह भत्ता काफ़ी मददगार साबित होता है।

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हर साल इन महीनों में होती है बढ़त 

7th Pay Commission: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आमतौर पर हर साल केंद्र सरकार द्वारा मार्च और सितंबर के महीने में डीए और डीआर में बढ़ोतरी की घोषणा की जाती है। लेकिन इस इजाफ़े को जनवरी और जुलाई से लागू माना जाता है। केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में अगर चार प्रतिशत की बढ़त होगी,  तो सैलरी कई हजार रुपए बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार नें इससे पहले जनवरी के महीने में सभी केंद्रीय कर्मचारियों के डीए को चार फ़ीसदी तक बढ़ा दिया था। इसके बाद महंगाई भत्ता 50 फ़ीसदी हो गया और इससे सभी केंद्रीय कर्मचारियों को काफ़ी राहत मिली।

आपको बता दे की डीए यानी महंगाई भत्ता सभी सरकारी कर्मचारियों का एक ऐसा हथियार है जो बढ़ती महंगाई के समय में उनके लिए सबसे बड़ा हथियार साबित होता है। देश के सभी केंद्र और राज्य के कर्मचारियों को उनका जीवन स्तर बनाए रखने के लिए मूल वेतन के अलावा सरकार उन्हें अतिरिक्त भत्ता प्रदान करती है ताकि वे महंगाई की मार से बचे रह सकें। पिछले साल यानी 2023 में सरकार नें लागू होने वाले महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान 18 अक्टूबर को किया था। इसके बाद से करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को काफ़ी लाभ मिला।

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बढ़त के बाद कितनी मिलेगी सैलरी?

7th Pay Commission: डीए की गणना इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी औद्योगिक कर्मचारियों की महंगाई के आधार पर होती है। लेबर ब्यूरो द्वारा हर महीने यह महंगाई दर जारी किया जाता है। आख़िरी एआईसीपीआई इंडेक्स को देखते हुए सरकार महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 53 फ़ीसदी कर सकती है। वर्तमान में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी व पेंशनर्स 50 फ़ीसदी के दर से डीए और डीआर पा रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि तीन या चार फ़ीसदी की बढ़ोतरी संभव है। इस बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार के अंदर कार्य करने वाले कर्मचारियों के वेतन में बहुत बड़ा इज़ाफा होगा।

अगर डीए तीन फ़ीसदी की दर से बढ़ता है और किसी कर्मचारी का मूल वेतन 55200 है तो उसे वर्तमान में 27600 डीए का मिलता है। अगर यही महंगाई भत्ता 53 फ़ीसदी हो जाता है, तो इस कर्मचारी को 29,256 रुपए डीए के रूप में मिलेंगे। अगर यह बढ़त 4 फ़ीसदी की दर से होती है, तो मौजूदा डीए 50% से बढ़कर 54% हो जाएगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2024 से प्रभावी माना जाएगा। आइए, अब जानते हैं कि इस बढ़त से कर्मचारियों की सैलरी में कितना इज़ाफा होगा?

अगर किसी कर्मचारी का वेतन ₹50000 प्रति महीना है तो चार फ़ीसदी डीए के हिसाब से सैलरी में ₹2000 महीने की बढ़ोतरी होगी। इस हिसाब से साल में 24000 रुपए वेतन में बढ़कर आएंगे। अगर महीने की सैलरी ₹30000 है तो ₹1200 हर महीने बढ़ कर आएँगे। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए बूस्टर डोज की तरह काम आएगी।

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नहीं मिलेगा 18 महीनों का डीए बकाया 

7th Pay Commission: दूसरी ओर केंद्र सरकार की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया है की 18 महीने का डीए बकाया नहीं दिया जाएगा। दरअसल कोरोना कल के समय में मोदी सरकार ने 1 जनवरी 2020 से 23 जून 2021 तक का डीए बकाया नहीं दिया था। सभी केंद्रीय कर्मचारी इस समय से इसकी मांग कर रहे थे लेकिन अब राज्यसभा में सरकार नें बिल्कुल साफ कर दिया है की सरकार किसी भी क़ीमत पर इस पैसे को देने के पक्ष में नहीं है। 

कर्मचारियों का संगठन लंबे समय से अटके पड़े डीए एरियर के लिए मांग भी कर रहा था लेकिन अब सरकार बिल्कुल भी इस पैसे को देने के मूड में नहीं है। यह उन सभी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है।

हालांकि अगर सूत्रों की मानें तो महंगाई भत्ते का ऐलान सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत तक किया जा सकता है, लेकिन इसका भुगतान अक्टूबर के वेतन के साथ ही किया जाएगा। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को 3 महीने का एरियर भी दिया जाएगा। यह एरियर पिछले महंगाई भत्ते और नए महंगाई भत्ते के बीच के समय का होगा। ऐसी स्थिति में 3 महीने के एरियार का भुगतान किया जाएगा, जिसमें जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने शामिल होंगे।

बेस ईयर में नहीं हुआ है कोई बदलाव

7th Pay Commission: पहले यह कहा जा रहा था कि 50 फ़ीसदी डीए होने के बाद इसे शून्य कर दिया जाएगा, लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को शून्य नहीं किया जाएगा। महंगाई भत्ते की गणना आगे भी ऐसे ही चलती रहेगी। इसे लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि इसके लिए कोई भी तय नियम नहीं है। पिछली बार जब ऐसा हुआ था, तब बेस ईयर में भी बदलाव आया था।

इस बार बेस ईयर में कोई भी बदलाव नहीं आया है, जिसकी वजह से डीए को शून्य करने की ज़रूरत नहीं है और ना ही ऐसी कोई सिफारिश सामने आ रही है। कर्मचारियों के डीए की कैलकुलेशन आगे भी 50 फ़ीसदी से ऊपर ही रहेगी।

8वें वेतन आयोग को लेकर जल्द फ़ैसला संभव 

7th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग को लेकर भी मोदी सरकार जल्द ही कोई फ़ैसला सुना सकती है। अगर आठवें वेतन आयोग को लेकर कोई फ़ैसला लिया जाता है, तो इससे कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में भारी बढ़त देखने को मिलेगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को साल 2016 में लागू किया गया था। 10 साल पूरे होने को हैं और इसीलिए अब कर्मचारियों के बीच एक और भारी बदलाव की होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। 

रिपोर्ट्स की मानें तो आठवें वेतन आयोग का गठन 2025 में होने के कयास लगाए जा रहे हैं और इसकी सिफारिशों को 2026 से प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। आठवें वेतन आयोग के आने से यूनिफाइड पेंशन स्कीम में भी अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे पेंशन की रकम में वृद्धि संभव है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 1.92 किया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर ही सैलरी में बढ़ोतरी का आधार होता है।

क्यों बनाए जाते हैं वेतन आयोग?

7th Pay Commission: कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बदलाव की समीक्षा और सिफारिश के लिए समय-समय पर वेतन आयोग का गठन होता रहता है। दो वेतन आयोगों के बीच 10 सालों का अंतराल देखने को मिलता है। यह केंद्रीय वेतन आयोग महंगाई दर और आर्थिक स्थिति के ऊपर कर्मचारियों के वेतन में ज़रूरी संशोधन पर अपनी सिफारिशें पेश करते हैं। सरकारी कर्मचारी के फ़ायदे और वित्तीय खुशहाली के लिए कई सुझाव भी यह वेतन आयोग प्रस्तावित करते हैं। 

देश का पहला वेतन आयोग सन् 1946 के जनवरी महीने में स्थापित किया गया था। देश की स्वतंत्रता से भी पहले यह वेतन आयोग गठित हुआ था। आयोग की पहली रिपोर्ट 1947 में पेश की गई थी। तब से अब तक भारत सरकार ने कई वेतन आयोग का गठन किया, जिनमें से हर आयोग ने ज़रूरी संशोधन पेश किए और उन्हें लागू भी किया। फ़िलहाल, सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को जनवरी 2016 में लागू हुए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन दिया जा रहा है।

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