8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर कब आएगा फ़ैसला? वेतन में कितनी होगी बढ़त?
8th Pay Commission: देश के केंद्रीय कर्मचारी लगातार सरकार से आठवां वेतन आयोग बनाने की मांग उठा रहे हैं। कई कर्मचारी संगठनों ने बार-बार केंद्र सरकार से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के मूल वेतन भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए आठवें वेतन आयोग को बनाने का आग्रह किया है। देश के सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्तों में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहती है। इसके लिए केंद्र सरकार एक आयोग का गठन करती है, जिसे वेतन आयोग या पे कमीशन कहा जाता है। दो वेतन आयोगों के गठन के बीच का स्टैंडर्ड टाइम फ्रेम 10 सालों का होता है।
केंद्र सरकार द्वारा साल 1946 में पहले वेतन आयोग को शुरू किए जाने के बाद से अभी तक कई वेतन आयोगों को लागू किया जा चुका है। केंद्र वेतन आयोग का गठन आमतौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन भत्ते और लाभों की समीक्षा और संशोधन की सिफ़ारिश करने के लिए किया जाता है। अगर नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है तो कर्मचारियों की सैलरी में 25 से 35 फ़ीसदी तक की बढ़त देखने को मिल सकती है। आठवें वेतन आयोग का गठन कर्मचारियों के लिए बेहद फ़ायदेमंद होगा।
2026 से लागू हो सकता है नया वेतन आयोग
8th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी, 2014 को किया था। समिति ने 19 नवंबर 2015 को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी। इसके साथ ही वेतन आयोग की सिफ़ारिशों को 1 जनवरी, 2016 से लागू भी कर दिया गया था। अगर इसी पैटर्न पर मोदी सरकार चली तो अगला वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से प्रभावित हो सकता है।
वहीं वेतन आयोग के गठन के बाद मौजूदा फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 3.8 हो सकता है। फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने पर कर्मचारी की सैलरी 26000 रुपए प्रति महीने हो सकती है। हालाँकि, केंद्र सरकार द्वारा अभी तक इस मोर्चे पर कोई भी औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है।
क्यों ज़रूरी है वेतन आयोग?
8th Pay Commission: देश में उचित वेतन सुनिश्चित करने के लिए इन वेतन आयोगों की अहम भूमिका होती है। देश के पिछले वेतन आयोग यानी सातवें वेतन आयोग का गठन साल 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशों को साल 2016 से लागू माना गया था। अब काफ़ी लंबे समय से कर्मचारी आठवें वेतन आयोग का इंतज़ार कर रहे हैं। महंगाई दर में बढ़त और आर्थिक संरचना में बदलाव के साथ ही पांचवें, छठे और सातवें वेतन आयोग ने भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के पे मैट्रिक्स में कई ज़रूरी बदलाव लाए, जिससे लाखों लोगों की वित्तीय स्थिति को नया आकार मिला।
सभी केंद्रीय कर्मचारियों को यह उम्मीद है कि सरकार बहुत ही जल्द नए वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई निर्णय सुना सकती है। कोई भी नया वेतन आयोग गठन के 2 सालों के बाद ही लागू किया जाता है। यही कारण है कि कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इसी समय नए वेतन आयोग के गठन को लेकर फ़ैसला लेगी। गठन के 2 सालों के बाद यानी साल 2026 में इसकी सिफारिशों को सभी शर्तों के साथ लागू किया जाएगा। आठवें वेतन आयोग के लागू होते ही सैलरी में बंपर बढ़त देखने को मिलेगी। इससे पहले भी सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सैलरी में काफ़ी बड़ा इंक्रीमेंट देखने को मिला था।
10 सालों में बनता है नया वेतन आयोग
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी व पेंशनर्स केंद्र सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि वेतन आयोग के गठन का स्टैंडर्ड टाइम फ्रेम 10 सालों का होता है। देश में बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने वेतन भत्तों में संशोधन के लिए सरकार को पत्र भी भेजा है।
बीते 10 सालों में 10 लाख से भी ज़्यादा कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है, जिससे दूसरे कर्मचारियों के ऊपर काम का बोझ बढ़ गया है। सचिव नें पत्र में वेतन मैट्रिक्स की सिफारिश करते हुए यह बात कही है और यह भी कहा है कि कर्मचारी वर्ग ज़्यादा समय तक इंतजार नहीं करेगा इसलिए जल्द ही वेतन आयोग का गठन करना सुनिश्चित किया जाए।
8वें वेतन आयोग में कितनी होगी मिनिमम बेसिक सैलरी?
8th Pay Commission: आइए, अब जानते हैं की आठवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी कितनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आठवें वेतन आयोग के लागू होने और 3.68 के अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर के आधार पर 18 वेतन मैट्रिक्स स्तरों पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में अच्छी खासी बढ़त देखने को मिलेगी।
उदाहरण के लिए अगर देखा जाए तो पे मैट्रिक्स लेवल 1 पर बेसिक सैलरी सातवें सीपीसी के तहत 18,000 रुपए से बढ़कर आठवें सीपीसी के तहत 21,600 रूपए हो सकती है। पे मैट्रिक्स लेवल 18 पर बेसिक सैलरी 2,50,000 रुपए से बढ़कर ₹3 लाख होने की उम्मीद है। चर्चा चल रही है कि यह साल सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद क़ीमती होने वाला है। सरकार की इस फ़ैसले से लगभग 68 लाख कर्मचारियों और 49 लाख पेंशनर्स को लाभ पहुँचेगा। इसके लागू होने से फिटमेंट फैक्टर में भी रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी देखने को मिलने वाली है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
8th Pay Commission: जानकारी के लिए बताते चलें की फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल कर्मचारियों के वेतन की गणना करने के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में फिटमेंट फैक्टर को 2.58 पर रखा गया है। इसका मतलब है कि बेसिक सैलरी न्यूनतम वेतन का 2.58 गुणा होगी। इसी को 3.67 किए जाने की संभावना बनी हुई है। साल 2016 में भी इसी फिटमेंट फैक्टर के अनुसार कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी में भी 14.29 फ़ीसदी की बढ़त की गई थी।
इसी वजह से कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपए तक पहुँच गया था। केंद्र सरकार के इस छोटे से कदम से देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बंपर फ़ायदा मिलेगा। सबसे पहले तो मूल वेतन में ही बहुत बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसकी वजह से पेंशन की रकम भी बहुत बढ़ जाएगी।
कई कर्मचारी संगठनों द्वारा भेजे जा चुके हैं प्रस्ताव
8th Pay Commission: गौर करने वाली बात यह है कि बीते महीनों में कई कर्मचारी संगठनों ने आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर केंद्र सरकार को कई पत्र लिख दिए हैं। बजट सत्र के दौरान भी कर्मचारी संघ, संयुक्त सलाहकार मशीनरी की राष्ट्रीय परिषद और इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर संगठन समेत कई दूसरे कर्मचारी संगठनों नें भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर मांग रखी थी।
उन्हें उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के दौरान इस बात को लेकर कोई ऐलान कर सकती हैं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हाल ही में हुए मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन और जावेद अली खान ने इस बात को लेकर कई सवाल किए थे। जिस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी जी ने कहा था कि आठवें वेतन आयोग को लेकर फ़िलहाल कोई भी प्रस्ताव सरकार को नहीं मिले हैं। सरकार के पास केवल दो अभ्यादेन आए हैं। ऐसे में गठन को लेकर सरकार कोई भी विचार नहीं कर रही है।
सातवें वेतन आयोग में हुआ था बड़ा बदलाव
8th Pay Commission: मौजूदा वेतन आयोग का गठन मनमोहन सरकार ने 28 फरवरी, 2014 में किया था। इस आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट पेश की और मोदी सरकार ने 1 जनवरी, 2016 से इस आयोग की सिफारिशों को सभी शर्तों के साथ लागू किया। मौजूदा वेतन आयोग में सरकार ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया था। इस बदलाव से कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बहुत बड़ा बदलाव भी देखने को मिला था। इस फ़ैसले की वजह से उनकी मिनिमम सैलरी 18,000 रुपए तक पहुँच गई थी, जो छठे वेतन आयोग में केवल ₹7000 थी।
8th Pay Commission: वित्त खजाने पर बढ़ेगा दबाव
8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग के आने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है लेकिन इससे सरकारी वित्त खजाने पर भी दबाव बढ़ेगा। कर्मचारी संगठन आठवें वेतन आयोग की ज़ोरदार वकालत कर रहे हैं, लेकिन अभी भी यह तय नहीं है कि सरकार इस पर कब फ़ैसला सुनाएगी। बीते वर्षों में भी आमतौर पर नए वेतन आयोग का ऐलान और उसके लागू होने में कई सालों का अंतर दिखाई देता है।
दरअसल, हर 10 सालों में केंद्र सरकार एक नए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करती है। ऐसे में अगर देखा जाए तो सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 से लागू किया गया था। अब ऐसे में पूरी संभावना है कि इसके 10 साल पूरे होने पर साल 2026 से नए वेतन आयोग को लागू किया जाएगा।
1 जनवरी, 2026 तक आठवें वेतन आयोग का गठन संभावित है, जिससे कि एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन और पेंशन लाभों में बदलाव किया जाएगा। पिछले 1 साल से कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधित्व के बावजूद भी इस मामले पर अभी तक सरकार ने कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की है।