8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर के अनुसार बढ़ेगी इतनी सैलरी, जानिए नियम एवं शर्तें !
8th Pay Commission: भारत में सभी सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारियों के लिए वेतन आयोग में परिवर्तन होने का विशेष महत्व होता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस समय देश में 7th Pay Commission लागू है और सभी कर्मचारी बहुत जोरों शोरों से आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं। हम आपको बता दे कि अगले वेतन आयोग के गठन से जुड़ी चर्चा दिन प्रतिदिन तेज होती जा रही है। क्योंकि सभी कर्मचारी यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द नए वेतन आयोग का गठन किया जाए। क्योंकि यह आयोग केंद्र कर्मचारियों और पेंशनधारियों को काफी राहत प्रदान करेगा।
8th Pay Commission का महत्व !
सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 8th Pay Commission का काफी महत्व है। क्योंकि इस वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारियों के वेतन में दुगनी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। हम सभी जानते हैं कि वेतन आयोग हर 10 साल में लागू किया जाता है ताकि सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारियों के आय में पहले से सुधार किया जा सके। 7th Pay Commission 2016 को लागू की गई थी। इसका गठन 2014 में कर दिया गया था। इसी आंकड़े को देखकर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नए वेतन आयोग का गठन भी 2024 में कर दिया जाना चाहिए।
Fitment Factor के तहत बढ़ेगा वेतन !
8th Pay Commission के लागू होने से सबसे बड़ा परिवर्तन फिटमेंट फैक्टर में देखने को मिल सकता है। सातवें वेतन आयोग के दौरान फिटमेंट फैक्टर 2.57 था लेकिन अब नए वेतन आयोग में इसे 1.92 तक बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि कुछ मीडिया ने इसे 3.70 तक बढ़ाने की अफवाह फैलाई हुई है। लेकिन वास्तविक संभावना 1.92 तक की ही है। हम आपको बता दें की फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही बेसिक वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है।
बेसिक सैलरी में होगी बढ़ोतरी !
8th Pay Commission के तहत यदि 1.92 फिटमेंट फैक्टर लागू हो जाता है तो केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और जहां तक उम्मीद की जाती है राज्य सरकारी कर्मचारियों के भी न्यूनतम बेसिक सैलरी में लगभग 18000 से लेकर 36000 तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसी तरह पेंशनधारी की भी न्यूनतम बेसिक पेंशन में लगभग 17000 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा महंगाई भत्ते पर भी समय-समय पर विचार किया जाएगा और इसकी बढ़ोतरी के बारे में सरकार कोई ना कोई कदम उठाती रहेगी। जिससे सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता रहेगा।