Rama Ekadashi Kab hai 2024: जानिए कब है इस साल रमा एकादशी ? देखिए पूजा की सही विधि और समय ! 

Rama Ekadashi Kab hai: हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में प्रति महीने एकादशी का एक विशेष दिन होता है। लेकिन हम आपको बता दे की अन्य एकादशियों की तुलना में रमा एकादशी का महत्व सबसे अलग माना गया है। रमा एकादशी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह एकादशी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के 11 दिन मनाई जाती है। इसे कार्तिक कृष्ण एकादशी या रंभा एकादशी जैसे कई नाम से भी जाना जाता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 2024 में रमा एकादशी कब है और उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा करेंगे… इस लेख में अंत तक बन रहे…

2024 me Rama Ekadashi Kab hai ? 

Rama Ekadashi Kab hai: रमा एकादशी प्रतिवर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन हिंदू धर्म के लोग भगवान विष्णु के लिए एक विशेष तरह का व्रत रखते हैं। रमा एकादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से आपको सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आने वाली सभी परेशानियां खत्म होती है। यदि हम आपको बताएं कि इस साल रमा एकादशी किस दिन मनाई जाएगी तो ऐसा पंचांग के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 में रमा एकादशी 27 अक्टूबर के दिन रविवार को मनाई जाएगी। 

Rama Ekadashi ka vrat Kab rakha jayega ? 

Rama Ekadashi Kab hai: जैसा कि हमने आपको बताया इस साल रमा एकादशी 27 अक्टूबर को है। इसकी शुरुआत सुबह 5:23 से होगी और इसका समापन अगले दिन 28 अक्टूबर की सुबह 7:50 पर होगा। पंचांग के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर के दिन रखा जाएगा और इसके अगले दिन इसका पारण किया जाएगा। 

रमा एकादशी पूजा की विधि क्या है ? 

Rama Ekadashi Kab hai: हिंदू धर्म में इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ सुथरे कपड़े धारण करने चाहिए। फिर मंदिर की साफ सफाई अच्छे से करनी चाहिए।   इसके बाद आपको एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर विष्णु भगवान की प्रतिमा या फोटो रखकर दीपक जलाना चाहिए। साथ ही साथ भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो को गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। भगवान को फल – फूल और तुलसी अर्पित करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। अंत में आरती करके भोग लगाना चाहिए और पूजा का समापन करना चाहिए। जब आपकी पूजा और व्रत खत्म हो जाए तो आपको गरीबों और जरूरतमंदों में प्रसाद जरूर वितरित करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। 

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