Chhath Puja kab hai 2024: जानिए छठ पूजा की विधि, मुहूर्त और महत्व !
Chhath Puja kab hai 2024: हमारे देश में हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पूजा को हम लोग सूर्य षष्ठी भी कहते हैं। इस पर्व में सूर्य और देवी छठी मैया की पूजा की जाती है। यह हिंदुओं का बहुत ही प्राचीन त्यौहार है। इस त्यौहार को डाला छठ, तथा डाला पूजा, छठी पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार चार दिन तक मनाया जाता है इस चार दिन में अनुष्ठान के बाद पवित्र स्नान निर्जल व्रत भोजन और पानी से पूर्णता परहेज और सूर्य की प्रार्थना और मिठाई बांटना शामिल है।
यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश बिहार और झारखंड जैसे क्षेत्रों में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह हर वर्ष कार्तिकेय महीने के छठे दिन मनाया जाता है। जिसे कार्तिक शुक्ल षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि 2024 में छठ पूजा कब होगी ? इस लेख में अंत तक बन रहे…
Chhath Puja kab hai 2024 (time & date)
Chhath Puja kab hai: जो लोग यह जानना चाहते हैं कि 2024 में छठ की पूजा किस दिन मनाई जाएगी इसका पारण कब से शुरू होगा तो हम आपको बता दें कि 2024 में छठ पूजा 5 नवंबर को शुरू की जाएगी। जिसमें पहला दिन नहाए खाए कहा जाता है। वह मंगलवार 5 नवंबर को पड़ेगा जिसमें सूर्योदय 6:15 और सूर्यास्त 5:52 पर होगा।
दूसरा दिन खरना और लोहड़ा 6 नवंबर बुधवार के दिन मनाया जाएगा। जिसमें सूर्य अर्ध 6:15 और सूर्यास्त 5: 51 मिनट पर होगा। तीसरा दिन संध्या आर्ग 7 नवंबर 2024 गुरुवार के दिन होगा जिसमें सूर्योदय 6:15 और सूर्यास्त 5:51 पर होगा। और इसका आखिरी मतलब की चौथा दिन उषा अर्ग 8 नवंबर 2024 शुक्रवार को होगा जिसमें सूर्योदय 6:16 और सूर्यास्त 5:51 पर होगा।
Chhath Puja ki importance
छठ पूजा की हिंदू धर्म में काफी मान्यता है। यह पर विशेष रूप से सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। इसकी मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव का सम्मान करने से आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। छठ का व्रत महिलाओं द्वारा किया जाता है। यह व्रत उनके पति और संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। जो महिला इस व्रत को रखती है ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत के आशीर्वाद से उसके परिवार में सुख समृद्धि और स्वस्थ बना रहता है। हमारे देश में बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इस पूजा का खास महत्व है। इस व्रत का सबसे मुख्य व्यंजन ठेकुआ होता है जो कि गेहूं के आते सूखे नारियल और बिजली चीनी और घी के साथ बनाया जाता है।
Chhath Puja vidhi 2024
- छठ पूजा की विधि की बात की जाए तो उसमें सबसे पहले पहला दिन नहाए खाए का होता है जिसमें महिलाएं नहा धोकर छठ व्रत का आरंभ करती हैं। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं तालाब नदी या अन्य जल श्रोत में डुबकी लगाती हैं। और अपने व्रत की शुरुआत करती है।
- इस व्रत का दूसरा दिन खरना कहलाता है। इस दिन भक्त निर्जला उपवास करते हैं। छठी माता को प्रसाद चढ़ाते हैं और अपने रिश्तेदार और दोस्तों के बीच में बांटते हैं।
- इस व्रत का तीसरा दिन संध्या आर्ग कहलाता है इस दिन शाम के सूर्य को अर्क दिया जाता है और मिठाई फल जैसी चीज शामिल की जाती हैं रात में लोग छठ व्रत की कथा सुनते हैं और भक्ति गीत गाते हैं।
- इसका चौथा दिन उषा अर्ध और पारण का दिन होता है। यह पूजा का आखिरी दिन होता है। जिसमें सुबह के सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। लोग सूर्य भगवान की पूजा करने के लिए नदी के किनारे जाते हैं। वहां छठी मैया से अच्छे स्वास्थ्य सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। व्रत रखने वाले लोग अदरक और गुड़ खाकर अपना वक्त तोड़ते हैं।