Unified Pension Scheme: 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम, केंद्र सरकार नें दी मंज़ूरी, अब कितनी मिलेगी पेंशन?
Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार नें पेंशन को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। बीते लंबे समय से पुरानी पेंशन लागू करने की माँग चलती रही है। लेकिन अब जाकर सरकार में इस विषय पर एक अहम निर्णय लिया है। इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही 1 जनवरी, 2026 से नए वेतन आयोग के लागू होने की भी पूरी संभावना है। सरकार ने 24 अगस्त को Unified Pension Scheme यानी यूपीएस का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई यूनियन कैबिनेट में केंद्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी कि यूपीएस को मंज़ूरी दी गई है। इस स्कीम को 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा। इस स्कीम की घोषणा के बाद सभी सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स यही हिसाब लगाने में उलझे हुए हैं कि इस स्कीम का चुनाव करने के बाद रिटायर होने पर उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी। नए वेतन आयोग और इस नई पेंशन प्रणाली से कर्मचारियों के वेतन और उनके पेंशन में बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है।
हालाँकि, अब केंद्रीय कर्मचारी यूपीएस और एनपीएस के बीच चुनाव कर सकते हैं। इसके साथ ही मौजूदा एनपीएस सदस्य भी यूपीएस में स्विच कर सकते हैं। इस योजना के ऐलान के बाद अब राज्य सरकार भी भविष्य में इस Unified Pension Scheme को राज्य कर्मचारियों के लिए लागू करने का फ़ैसला ले सकती है।
Unified Pension Scheme: क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम?
Unified Pension Scheme: यूपीएस को मुख्य रूप से केंद्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाया गया है, जिसमें वर्तमान कर्मचारी और नए नियुक्त कर्मचारी दोनों शामिल हैं। इसके साथ ही जो केंद्रीय कर्मचारी वर्तमान में एनपीएस के ग्राहक हैं, उन्हें भी यूपीएस (Unified Pension Scheme) में स्विच करने का विकल्प दिया जा रहा है। इस स्कीम में पात्र होने के लिए कर्मचारियों को न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा पूरी करनी होगी। इस योग्यता को पूरा करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन ₹10,000 हर महीने मिलेगी।
मोदी सरकार नें नई पेंशन स्कीम के विकल्प के रूप में यूनिफाइड पेंशन स्कीम की शुरुआत की है। इस योजना को सरकार ने 24 अगस्त, 2014 को शुरू किया गया लेकिन इसे 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा। इस पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम की पात्रता
- जिन केंद्रीय कर्मचारियों ने कम से कम 10 सालों की सर्विस पूरी कर ली है, वही एक गारंटीड पेंशन की रकम के लिए पात्र होंगे।
- जिन कर्मचारियों ने कम से कम 25 वर्षों की सर्विस पूरी कर ली है, उन्हें औसत मूल वेतन का एक प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
- जो सरकार जो कर्मचारी एनपीएस के अंतर्गत आते हैं लेकिन अपनी इच्छा से इस नई पेंशन स्कीम में स्विच करते हैं, वे भी इस योजना के पात्र होंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लाभ
Unified Pension Scheme: शुरुआती तौर पर यूपीएस को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी पर केंद्रित किया गया है लेकिन राज्य सरकार चाहें तो वे भी इस योजना को अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू कर सकती है। हालाँकि, इसे राज्य स्तर पर लागू करने का निर्णय राज्य सरकार का ही होगा। यूपीएस को मुख्य रूप से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बनाया गया है, जिसमें वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी और नए नियुक्त कर्मचारी दोनों शामिल है। नेशनल पेंशन स्कीम के मौजूदा कर्मचारी भी यूपीएस में स्विच कर सकते हैं। हालाँकि, ऐसा करने के लिए उन्हें केवल एक बार ही मौका दिया जाएगा।
इस नई पेंशन स्कीम में अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में कर्मचारियों के पेंशन का 60 फ़ीसदी दिया जाएगा। जब कोई कर्मचारी रिटायर होगा तो यूपीएस के तहत उसे कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के अलावा सरकार की तरफ से एकमुश्त रकम भी दी जाएगी। इसके तहत कर्मचारियों को प्रत्येक 6 माह की सर्विस के लिए उसके अंतिम मासिक वेतन यानी की रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फ़ीसदी भुगतान किया जाएगा। इस एकमुश्त भुगतान से गारंटीड पेंशन की रकम में कोई कमी नहीं आएगी।
यूपीएस के तहत पेंशन की सुविधा केवल उन लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी जो मौजूदा एनपीएस सब्सक्राइबर है। इसमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल है। साल 2004 में एनपीएस के लागू होने से लेकर 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले तक जितने भी कर्मचारी रिटायर होंगे, वे सभी यूपीएस के तहत पेंशन की सुविधा लेने के लिए पात्र होंगे। हालाँकि, सरकारी कर्मचारी एनपीएस और यूपीएस दोनों विकल्पों में से कोई भी स्कीम चुन सकते हैं। लेकिन ऐसा केवल एक ही बार किया जा सकता है।
अगर किसी कर्मचारी ने एक बार यूपीएस के तहत लाभ लेने का निर्णय ले लिया तो वह एनपीएस में फिर से वापस नहीं जा सकता है। सरकार का यह कहना है कि इस नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लागू होने से 99 फ़ीसदी कर्मचारियों को लाभ होने वाला है। यूपीएस के आने से सरकारी खजाने पर हर साल लगभग 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना है। हालाँकि, हर साल कर्मचारियों की संख्या में बदलाव होने की वजह से इस खर्च की रकम में भी बदलाव हो सकता है।
25 वर्ष नौकरी करने वालों को मिलेगी 50% पेंशन
Unified Pension Scheme: अगर किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों का औसत मूल वेतन ₹50000 होगा, तो उसे 25000 रूपए न्यूनतम निश्चित पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। इस पर कर्मचारियों को 12500 रूपए महंगाई राहत के रूप में भी दी जाएगी। इसका मतलब हुआ कि कर्मचारियों को 37500 रूपए न्यूनतम मासिक पेंशन के रूप में मिलेंगे।
परिवार को मिलेगी 60% पेंशन
Unified Pension Scheme: अगर किसी कारण से कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन राशि का 60% पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। अगर कर्मचारियों को ₹25000 पेंशन राशि मिल रही थी, तो उसके परिवार को इसका 60% यानी की 15000 पेंशन की रकम के रूप में मिलेंगे। इस पर महंगाई राहत जो वर्तमान समय में 50% है, उसे जोड़कर 22500 रूपए मासिक निश्चित पेंशन दी जाएगी।
सभी कर्मचारियों को इस स्कीम में किए गए योगदान पर पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इस योजना को अपनाने वाले कर्मचारियों को एक लाभ यह भी होगा कि कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते के जोड़ का 10% योगदान देते रहेंगे। इसके साथ ही अब सरकार के पेंशन में योगदान को 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया गया है।
ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की थी मांग
Unified Pension Scheme: भारत सरकार 25 वर्ष नौकरी करने वाले कर्मचारी के वेतन का 50% पेंशन के रूप में देने का निर्णय दे चुकी है। साल 2004 में नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया था। उसके बाद से ही कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम के लागू करने की मांग कर रहे थे। ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कोई अंशदान पेंशन के लिए नहीं देना पड़ता था। वही एनपीएस में उन्हें अपनी बेसिक पे से 10% का अंशदान हर महीने पेंशन में देना पड़ता है।
यूपीएस को अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा। इसमें शामिल होने वाले कर्मचारियों को 2029 से इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। वेतन की आधी पेंशन पाने के लिए 25 वर्ष नौकरी करना ज़रूरी है। 25 वर्षों से कम नौकरी करने वालों को इसका लाभ नौकरी के वर्षों के आधार पर दिया जाएगा।
आठवें वेतन आयोग के आने से होगा बदलाव
Unified Pension Scheme: वही 31 दिसंबर, 2025 को सातवां वेतन आयोग का समय भी ख़त्म हो रहा है। हर 10 साल में सरकार द्वारा नए वेतन आयोग को लागू किया जाता है। कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 1.92 किया जाएगा, जिसकी वजह से मिनिमम सैलरी 18000 रुपए से बढ़कर 34560 होने की संभावना है। इसके साथ ही मैक्सिमम सैलरी भी ढाई लाख रुपए से बढ़कर 4.8 लख रुपए तक पहुँच सकती है।
OPS और UPS में अंतर
Unified Pension Scheme: यूपीएस और ओपीएस को एक सुरक्षित पेंशन स्कीम माना जाता है जबकि एनपीएस शेयर बाजार से लिंक है इसीलिए इसे एक बेहतर विकल्प नहीं समझा जाता है। यूपीएस में एनपीएस की तरह ही सैलरी का 10% डीए काटा जाएगा। इसमें सरकार का योगदान 14 फ़ीसदी की जगह 18.5 फ़ीसदी रहेगा। ओल्ड पेंशन स्कीम में किसी भी तरीके की कोई भी कटौती नहीं होती थी। यूपीएस और ओपीएस में इंडेक्स का फ़ायदा मिलता है, जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं होता था।
यूपीएस में 10 साल नौकरी करने पर ₹10,000 की मासिक गारंटीड पेंशन का प्रावधान होगा जबकि एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। पुरानी पेंशन स्कीम में केंद्र और राज्य कर्मचारियों को उनकी आख़िरी बेसिक सैलरी का 50 फ़ीसदी पेंशन के तौर पर निर्धारित था। इसके साथ ही इसमें डकए को भी शामिल किया गया था। अब यही नियम हम यूपीएस में भी देख सकते हैं ।