UPS Latest Update 2024: OPS से कितना अलग है UPS? न्यूनतम पेंशन की गारंटी वाली इस योजना के बारे में जानें सबकुछ
UPS Latest Update: केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस को मंज़ूरी मिलने के बाद पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है। महाराष्ट्र में तो इस स्कीम को लागू भी कर दिया गया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र देशभर में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को पेश करने वाला पहला राज्य बन चुका है। बीते कुछ सालों से सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग करते रहे हैं। अब जाकर सरकार की तरफ से इसपर कोई ठोस फ़ैसला लिया गया है। यूपीएस पर मोदी सरकार ने शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसका ऐलान (UPS Latest Update) किया था।
23 लाख कर्मचारियों को होगा फ़ायदा
UPS Latest Update: महाराष्ट्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने के साथ ही एनपीएस से यूपीएस में स्विच करने का विकल्प भी दे दिया है। यूपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों को पिछले 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50 फ़ीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसमें इन्फ्लेशन एडजस्टमेंट की भी सुविधा मिलेगी। यह निर्णय सरकार नें उन कर्मचारियों की मांग को पूरा करने के लिए लिया है, जिनकी नियुक्ति साल 2004 या उसके बाद हुई थी। जानकारी यह भी आ रही है कि इस योजना से 23 लाख से अधिक कर्मचारी लाभ उठाने वाले हैं।
यदि देश के सभी राज्य सरकार इस योजना को अपने राज्य कर्मचारियों के लिए लागू करते हैं तो इससे 90 लाख से अधिक कर्मचारियों को फ़ायदा मिलेगा। हालाँकि, सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना यानी OPS (UPS Latest Update) को सबसे बेहतर विकल्प मानते थे, लेकिन वे इस नई योजना से भी संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।
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अब हम बात करते हैं की पेंशन की इस नई स्कीम जिसे यूपीएस कहा जा रहा है, इसकी सबसे बड़ी खूबियाँ क्या हैं। यूपीएस की इस नई व्यवस्था में कर्मचारियों को 25 वर्ष की नौकरी के बाद अंतिम वर्ष की औसत वेतन के 50% के बराबर की पेंशन दी जाएगी। यूपीएस के लिए कर्मचारियों के अंशदान को एनपीएस की मौजूदा व्यवस्था के 10 फ़ीसदी के बराबर ही रखा गया है, जबकि सरकार ने अपने अंशदान को 14 फ़ीसदी से बढ़ाकर 18.5 फ़ीसदी करने का फ़ैसला लिया है।
रिटायर हो चुके कर्मचारियों के लिए भी मिलेगी व्यवस्था
UPS Latest Update: जितने भी कर्मचारी साल 2004 के बाद सेवा में आए थे और अब रिटायर हो चुके हैं, या 1 अप्रैल, 2025 तक रिटायर हो जाएँगे, उन्हें भी इस विकल्प को चुनने का अवसर दिया जाएगा। ऐसे रिटायर्ड कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट लाभ की समीक्षा करके बकाया का ब्याज सहित भुगतान किया जाएगा।
यूपीएस में महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा
UPS Latest Update: अगर किसी कर्मचारी नें कम से कम 25 साल तक काम किया है, तो रिटायरमेंट के तुरंत पहले के आख़िरी 12 महीनों की एवरेज बेसिक सैलरी का कम से कम 50 फ़ीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसके साथ ही महंगाई राहत यानी डीआर भी उसी दर से मिलता रहेगा जिस पर सेवारत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाएगा। एक रिटायर्ड कर्मचारी को भी सेवारत कर्मचारियों की तरह यूपीएस में महंगाई इंडक्सेशन का लाभ दिया जाएगा।
परिवार के लिए भी होगी पेंशन की व्यवस्था
UPS Latest Update: अगर किसी पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मृतक को जितनी पेंशन दी जाती थी, उसका 60 प्रतिशत पेंशन दिया जाएगा। पेंशन पर डीआर का लाभ भी 60% तक दिया जाएगा।
एकमुश्त पैसा भी मिलेगा
UPS Latest Update: यूपीएस के अंतर्गत रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की रकम के अलावा एक और एकमुश्त रकम अलग से दी जाएगी। यह रकम सेवाकाल में हर 6 महीने की सेवा के बदले एक महीने के मासिक वेतन (वेतन डीए) का दसवाँ हिस्सा जुड़कर सेवानिवृत्ति पर मिलेगा।
न्यूनतम पेंशन की भी हुई व्यवस्था
अगर कोई व्यक्ति काम से कम 10 साल की नौकरी के बाद नौकरी छोड़ता है तो न्यूनतम उसे ₹10000 की पेंशन उपलब्ध कराई जाएगी। ज़्यादा नौकरी करने वाले को उसी अनुपात में ज़्यादा पेंशन दी जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से यूनिफाइड पेंशन योजना में स्विच करने का विकल्प केवल एक बार ही दिया जाएगा। आप ऑप्शन को बार-बार चेंज नहीं कर सकते हैं। एक बार विकल्प चुनने के बाद वह हमेशा के लिए फिक्स हो जाएगा। इसके साथ ही वॉलंटरी रिटायरमेंट में भी 25 साल की मिनिमम सर्विस का प्रावधान रहेगा।
UPS Latest Update: OPS से कितना अलग है UPS?
UPS Latest Update: यूपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद 50% की निश्चित पेंशन दी जाएगी। ये पेंशन कर्मचारियों को 25 साल की सर्विस पूरी करने के बाद रिटायरमेंट के पहले के 12 महीनों की एवरेज बेसिक पे का 50 फ़ीसदी मिलेगी। अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को पेंशन देने का भी प्रावधान होगा। अगर किसी कर्मचारी ने 25 वर्ष से कम की सर्विस दी है तो उसे ₹10000 की मासिक पेंशन मिलेगी। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी 10 फ़ीसदी का योगदान करते हैं, जबकि केंद्र सरकार 14 फ़ीसदी का योगदान करती है।
वहीं अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को अपनी तरफ से कोई भी अतिरिक्त अंशदान नहीं करना पड़ेगा जबकि केंद्र सरकार का योगदान बढ़कर 18% कर दिया जाएगा। अगर ओल्ड पेंशन स्कीम की बात की जाए तो इसमें कर्मचारियों के आख़िरी वेतन का 50 फ़ीसदी पेंशन मिलती थी। वहीं इसकी पूरी रकम का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता था। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने दिसंबर 2023 में पुरानी पेंशन प्रणाली को ख़त्म करके नई पेंशन योजना की शुरुआत कर दी थी।
सबसे ज़्यादा पेंशन देने वाला राज्य
UPS Latest Update: अब बात करते हैं कि देशभर में सबसे ज़्यादा पेंशन देने वाला राज्य कौन-सा है। केंद्र सरकार की इस नहीं पेंशन योजना को लागू करने का मतलब यह नहीं है कि देश के सभी राज्य इसे अपना लेंगे। इससे पहले भी पांच राज्यों नें नई पेंशन प्रणाली की जगह पुरानी पेंशन स्कीम को ही अपनाया था। पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने वाले राज्यों में पंजाब एक ऐसा राज्य है जो सबसे ज़्यादा पेंशन देता है।
नई पेंशन स्कीम से गुज़ारा करना मुश्किल
UPS Latest Update: नई पेंशन योजना जब 2004 में बनाई गई थी, तो उसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10% और डीए देना पड़ता था और इतना ही योगदान इसमें सरकार देती थी। लेकिन 2019 में सरकार ने इस योगदान को 14% कर दिया था। सरकार ने इस पैसे को पेंशन रेगुलेटरी फंड के ज़रिए बाजार में इन्वेस्ट किया हुआ है लेकिन इससे मिलने वाली पेंशन की रकम बहुत ही कम होती है, जिससे आज के दौर में गुज़ारा करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
यही वजह रही की सरकार ने एक नई पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय लिया। इन सब के अलावा कई ऐसे राज्य हैं जो वृद्धा पेंशन योजना भी चलाते हैं, जिसका असर भी राज्य के खजाने पर पड़ता है।
नई पेंशन स्कीम से भी बदतर है यूपीएस
हालाँकि, कई लोगों का यह भी मानना है कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम नई पेंशन स्कीम से भी अधिक बदतर और ख़राब है। उनका मानना है कि यह स्कीम देश के कई कर्मचारियों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है और इस पेंशन स्कीम से देश के अर्ध सैनिक बलों को कोई भी लाभ नहीं मिलने वाला है। इसके साथ ही देश के पैरामिलिट्री फोर्सेस भी इस स्कीम के दायरे में नहीं आएँगे क्योंकि उनकी सर्विस ही 25 साल की नहीं होती है।
शिव गोपाल मिश्रा नें जताई ख़ुशी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के फ़ैसले पर जेसीएम मेंबर शिव गोपाल मिश्रा ने ख़ुशी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि इस पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को काफ़ी फ़ायदा होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस फ़ैसले से केंद्र सरकार के 32 लाख से अधिक कर्मचारियों के अंदर काफ़ी ख़ुशी का माहौल है।
दबाव में आकर सरकार नें उठाया कदम
वहीं कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने यूपीएस पर कहा की जो काम सरकार को बहुत पहले कर देना चाहिए था, वही काम सरकार अब दबाव में आकर कर रही है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि सारा विपक्ष यह हमेशा से कहता रहा की पेंशन के मामले में सरकार को जल्द ही कोई फ़ैसला लेना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि जो दो हिस्सों में पेंशन को बांटा गया है और 50% पेंशन दी जा रही है, यह भी कर्मचारियों के लिए कम है। उनका मानना है कि बेसिक सैलरी पे के हिसाब से एम्पलाइज को 50 फ़ीसदी पेंशन की जगह 100 फ़ीसदी पेंशन मिलनी चाहिए।
इस नई स्कीम की सबसे खास बात
इस पेंशन स्कीम की सबसे खास बात यह है कि सरकार की ओर से इसके लिए एक शर्त लगाई गई है, जिसके अंतर्गत कर्मचारियों को कम से कम 10 साल की सर्विस करने के बाद ही इस न्यूनतम पेंशन का लाभ मिलेगा। लेकिन अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से कम नौकरी की है तो उनके लिए पेंशन के क्या प्रावधान होंगे?
उन्हें पेंशन मिलेगी या नहीं, इस पर अभी तक कोई भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। सरकार का कहना है की न्यूनतम 10,000 रूपए की मासिक पेंशन का हकदार होने के लिए कम से कम 10 साल की सर्विस करना अनिवार्य है। लेकिन इससे कम सर्विस करने वाले कर्मचारियों के लिए क्या प्रावधान होंगे, इस बात पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है।